[color=rgb(41,]मैने प्राची के पुष्ट मम्मे जो अब पत्थर की तरह सख़्त हो रहे थे अपने हाथो मे पकड़े और उनके छ्होटे छ्होटे निपल्स को अपने अंगूठों से रगड़ने लगा. फिर मैने उसके एक निपल को अपने मुँह मे लेकर चुभलना शुरू कर दिया. दूसरा मम्मा मेरे हाथ की जाकड़ मे था और मैं उसे दबाने की नाकाम कोशिश कर रहा था. प्राची ने अपने दोनो हाथ लाकर मेरे सर पर रख दिए और दबाने लगी. फलस्वरूप उसके मम्मे पर मेरे मुँह का दबाव और बढ़ गया. मैने उसे चूसना शुरू कर दिया और अपने मुँह मे पूरा भरने की कोशिश की. मेरे दातों का हल्का सा दबाव उसके मम्मे पर था और मेरी जीभ उसके निपल से छेड़ छाड़ कर रही थी. अत्यधिक मज़े के कारण प्राची की आँखे मूंद रही थी और वो अधखुली आँखों से मुझे देख रही थी.

उधर मेरा लंड उसकी चूत मे लगातार अंदर बाहर हो रहा था और अब उसकी रफ़्तार भी तेज़ हो गयी थी. प्राची अब नीचे से अपनी गांद पूरी उठा कर लंड को तेज़ी से अंदर लेने का प्रयास कर रही थी और जब लंड पूरा अंदर घुस जाता तो धक्के के ज़ोर से उसकी गांद बेड पर जा टिकती और जब मैं अपना लंड बाहर निकालता तो वो गांद को बेड पर टिकाए लंड के अंदर घुसने का इंतेज़ार करती. थोड़ी हे देर मे प्राची के चेहरे के भाव बदले और मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है. मैने तुरंत अपने घस्सो की रफ़्तार और तेज़ करदी और साथ ही ज़ोर भी लगाना शुरू कर दिया. प्राची के मुँह से उउउउउउउउउउउन्ह, आआआआआआआः, ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ की आवाज़े निकलने लगी और वो हान्फ्ते हुए बोली की और ज़ोर से करो, मुझे कुच्छ होने लगा है.

उधर तनवी बड़े मनोयोग से इस ज़बरदस्त चुदाई को देख रही थी और प्राची के जोश मे आते ही उसने अपना हाथ बढ़ाकर उसकी चूत के दाने को छेड़ना शुरू कर दिया और अपना मुँह प्राची की गर्दन पर रखकर उसकी फूली हुई नस पर अपनी जीभ फेरने लगी. इस दोहरे मज़े को प्राची सह नही सकी और जल्दी ही झाड़ गयी. उसका पूरा शरीर झंझनाने लगा और वो बोली के दीदी मुझे पकड़ लो मैं गयी. तनवी ने प्यार से उसके सर पर अपना हाथ रखा और कहा के कुच्छ नही होगा तुम्हे हम हैं ना. प्राची की चूत से पानी निकल कर नीचे टवल को भिगोने लगा. पानी के साथ साथ थोड़े खून के कतरे भी थे. इस सब के दौरान मैं अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा और प्राची के समान्य होने का इंतेज़ार भी. थोड़ी देर मे प्राची ने अपने आँखे खोल कर मेरी तरफ एक लुभावनी मुस्कान के साथ देखा और बोली कि इतना मज़ा आया जो मैं सपने मे भी नही सोच सकती थी. मैने कहा के अभी तो और भी आएगा और आता ही रहेगा.

फिर मेरे झड़ने तक प्राची 2 बार और झड़ी और जब मेरे गरम गरम वीर्य की पिचकारी उसकी चूत मे बच्चेदानी पर पड़ी तो जैसे उसकी साँसें ही अटक गयीं. उसकी चूत झटके खाने लगी और मेरे वीर्य को जैसे नोचोड़ना चाहती हो. मैं भी मज़े से अपना लंड पूरा उसकी चूत मे डाल कर अपने वीर्य की बौच्चरें उसकी चूत मे छ्चोड़ता रहा और आख़िर मे उसके ऊपेर ढेर हो गया. फिर मैं पलटा और प्राची को अपने साथ चिपकालिया. प्राची ने भी मुझे अपनी बाहों मे कस लिया और दनादन ढेर सारे चुंबनों से मेरा पूरा चेहरा गीला कर दिया. मैने हाथ बढ़ा कर टवल से अपना लंड पोंच्छा और प्राची की चूत को भी पोंच्छ कर टवल नीचे फेंक दिया.

मैने तनवी को इशारा किया और वो उठकर बाथरूम मे चली गयी, प्राची के हॉट वॉटर ट्रीटमेंट के इंतज़ाम के लिए. थोड़ी देर मे ही मैने प्राची को अपनी गोद मे उठाया और उसे बाथरूम मे गरम पानी के टब मे बिठा दिया और कहा के तनवी तुम्हे सब समझा देगी कि ये क्या और क्यों है. मैं बाहर आकर उनका इंतेज़ार करने लगा. कुच्छ देर के बाद तनवी प्राची को सहारा देकर बाहर ले आई. प्राची की चाल मे अभी भी लंगड़ाहट थी पर वो मुस्कुराते हुए मेरे पास आई और मुझसे लिपट गयी. मैने उसे एक पेन किल्लर और एक आंटी-प्रेग्नेन्सी टॅबलेट खिला दी और उसको वही अपना पुराना लेक्चर पिलाया की बहुत ज़्यादा चुदाई की तरफ ध्यान ना देकर अपनी पढ़ाई करे एट्सेटरा.

कुच्छ देर बाद प्राची ने मुझसे पूछा कि इतनी अच्छी चुदाई कैसे सीखी, पर सबसे पहले ये बताओ कि सबसे पहले तुमने चुदाई कब की? मैने कहा कि आज ही सब पूछोगि क्या. प्राची तुनक कर बोली कि हां मुझे आज ही पता लगाना है, बताओ ना. मैने हंस कर कहा कि चलो ठीक है मैं अपनी पहली चुदाई से शुरू करता हूँ. तनवी भी बड़ी उत्सुकता से मेरे दूसरी तरफ आ कर बैठ गयी और बोली कि हां ये तो मैं भी सुनूँगी.

मैं अपनी पुरानी यादों मे खो गया. मुझे याद आई बड़ी बड़ी आँखों वाली नैना. उसे याद करके मैं मुस्कुराए बिना ना रह सका. मैने एक बार तनवी की तरफ देखा और फिर प्राची को देखते हुए मैने बोलना शुरू किया. निमा नाम था उसका. और वो मुझसे उमर मे बड़ी थी लेकिन केवल 10 दिन. वो शुरू से ही हमारे पड़ोसी थे. बात उन दिनों की है जब मैं 12थ क्लास मे था और अभी कुच्छ दिन पहले ही मैं 18 साल काहुआ था. हमारे स्कूल का आन्यूयल डे का फंक्षन था और वो उसमे म्यूज़िकल डॅन्स ड्रामा मे बादशाह अकबर का रोल कर रही थी.

मैं भी स्कूल फंक्षन मे पार्टिसिपेट कर रहा था. फाइनल ड्रेस रॅहर्सल के दिन वो मेरे पास आई और बोली के राज प्लीज़ मेरी हेल्प करो ड्रेस अप करने मे. अभी रॅहर्सल स्टार्ट होने मे बहुत टाइम था और मैं तो वहाँ जनरल सूपरविषन करने के लिए सबसे पहले पहुँचा ही था और वो बाकी सबसे पहले वहाँ आ गयी थी. मैने कहा के चलो मैं तुम्हे ड्रेस अप करवा देता हूँ फिर मेक-अप तुम सबसे पहले करवा लेना. उसने कहा के इसीलिए तो वो जल्दी आई है ताकि सबसे पहले उसका मेक-अप हो जाए. हम ड्रेसिंग रूम मे आ गये और उसने दरवाज़ा अंदर से लॉक कर दिया और अपने कपड़े उतारने लगी. सर्दी शुरू हो चुकी थी और उसने अपनी जीन्स के नीचे शॉर्ट लेगैंग्स पहनी हुई थी. ऊपेर शर्ट के नीचे उसने सिर्फ़ एक पतली सी अंडर शर्ट पहनी हुई थी और उसमे उसके 38 साइज़ के बिना ब्रा के मम्मे ग़ज़ब ढा रहे थे.

ठंड के कारण उसके अंगूर के दाने जैसे निपल उभरे हुए नज़र आ रहे थे. मैने उसे कहा के क्या बात है आज तुमने ब्रा भी नही पहनी है. वो मेरे साथ बहुत फ्रॅंक थी, इसलिए मुस्कुरा के बोली के ओये झल्ले अपने मम्मे नही दिखाने, इनको ब्रा मे नही पट्टी मे बाँधना है ताकि मेल चेस्ट लगे. मैने कहा के हां ये बात तो है. उसने अपने बॅग मे से पट्टी निकाली तो मैने वो पकड़ ली और उसके पीछे आ गया और उसको कहा कि अपनी अंडर शर्ट ऊपेर करे ताकि मैं पट्टी बाँध दूं. उसने अपनी शर्ट ऊपेर की तो मुझसे रहा नही गया और मैने अपने हाथ बढ़ा कर उसके दोनो सख़्त मम्मे अपने हाथ मे ले लिए और उन्हे दबाने लगा और अपने जलते हुए होंठ उसकी गर्दन पर रख दिए. उसके मम्मे अपने हाथो मे लेते ही मुझे एक ज़बरदस्त करेंट जैसा लगा और मेरा पूरा शरीर झानझणा गया.

ये मेरा पहला मौका था कि किसी के नंगे मम्मे मेरे हाथो मे थे और वो भी इतने सुडौल और बड़े साइज़ के. मैने उनका पूरा नाप तोल कर डाला. वो भी बहुत ज़ोर से काँप गयी, शायद उसके लिए भी ये पहली बारी थी. निमा ने एक ज़ोर के झुरजुरी ली और बोली ये क्या कर रहे हो कोई आ जाएगा. मैने कहा कि कुच्छ नही होगा दरवाज़ा तो तुमने लॉक कर दिया है कोई नही आएगा. मैने उसके मम्मों को बड़े प्यार से सहलाना और दबाना शुरू कर दिया तो वो मचल उठी और बोली की राज अभी नही प्लीज़ बाद मे करेंगे ये सब अभी तो मुझे जल्दी से तैयार होने दो. मैने कहा कि ठीक है पर पहले तुम पक्का वादा करो कि बाद मे हम ये सब करेंगे. वो बोली के गॉड प्रोमिस राज बाद मे करेंगे, दिल तो मेरा भी बहुत कर रहा है पर अभी तैयार होना है. फर्स्ट थिंग्स फर्स्ट. ना चाहते हुए भी मैने जल्दी से उसे तैयार होने मे हेल्प करी. उसके मम्मों पर पट्टी बाँध दी और उसको कहा कि अपने मम्मों को बाहर की तरफ कर दे ताकि चेस्ट फ्लॅट दिखे. फिर उसे चोगा पहनाया जो कि एक अंगरखा था और उसके फीते साइड पर थे. चूड़ीदार उसने खुद ही पहन लिया. और फिर मैं बाहर आ गया.

रॅहर्सल के ख़तम होते ही वो जल्दी से चेंज करके आई और मुझे बुलाने लगी. मैं तो चेंज कर ही चुका था और बाकी सबके चेंज करने काइंतेज़ार कर रहा था. मैने उसको कहा कि गर्ल्स की सारी प्रॉपर्टी वो संभलवा दे और मैं इधर बाय्स की सारी प्रॉपर्टी देख लेता हूँ. वो गयी और जल्दी से सारा काम निपटा कर आ गयी और मेरे हाथ मे रूम की की देते हुए बोली की लो मैं सारा काम कर आई हूँ. तब तक मैं भी फ्री होकर उसी का इंतेज़ार कर रहा था. उसने मुझे बड़ी अदा के साथ बताया कि वो मेरे साथ चल रही है मेरे घर क्योंकि उसे अपनी मूव्मेंट्स और क्यूयेस पूरी तरह याद नही हैं और इसके लिए उसने अपने मम्मी-पापा से पर्मिज़न भी ले ली है. मैं उसकी तरफ देख कर मस्कुराया और बोला कि बहुत चालाक हो तो वो बोली की राज क्या करूँ मेरा कई दिन से दिल कर रहा था और आज मौका मिला है तो चौका मारना चाहती हूँ. मैने कहा के नेकी और पूच्छ पूच्छ.

हम गार्ड को चाबियाँ देकर साइड गेट से निकल कर घर आ गये. डिन्नर का टाइम हो रहा था और मा-पापा मेरा इंतेज़ार कर रहे थे. निमा ने उनको नमस्ते की और बोली के आज वो अपनी रॅहर्सल से खुश नही है और अपने क्यूयेस और मूव्मेंट्स ठीक से याद करने मे मेरी मदद ले रही है. पापा ने कहा कि कोई दिक्कत नही है राज सब जानता है और तुम्हे अच्छे से प्रॅक्टीस करवा देगा. निमा बोली की जी सर और अगर देर हो गयी तो वो यहीं हमारे घर रह जाएगी और इसके लिए उसने अपने मम्मी-पापा से पर्मिज़न ले ली है. मा ने कहा के ठीक है तुम दोनो मुँह हाथ धो कर खाने की टेबल पर आओ और वो तब तक ऊपेर रूम तैयार कर देती हैं निमा के लिए. पापा ने कहा के ये ठीक रहेगा.

हम जल्दी से मुँह हाथ धो कर आ गये. तब तक मा भी रूम ठीक करके आ गयीं. फिर हमने खाना खाया और मैं और निमा ऊपेर जाने लगे. मा ने कहा कि देखो बहुत ज़्यादा देर मत जागना कल शो है, इसलिए जो रह जाए वो सुबह उठ कर याद कर लेना. हमने कहा के ठीक है, और ऊपेर आ गये. मैने जानबूझ कर अपने कमरे मे आ कर दरवाज़ा लॉक नही किया था. मैने टेप-रेकॉर्डर सेट करके बलेट की कॅसेट लगा दी. तब तक मा दो मग मे कॉफी और कुच्छ बिस्किट्स लेकर आ गयीं और बोलीं के अभी तुम्हे टाइम लगेगा, इसलिए मैं ये कॉफी ले आई हूँ, इस से चुस्ती आ जाएगी और नींद भी नही आएगी. फिर मुझे कहा के दरवाज़ा बंद करके प्रॅक्टीस करना, आवाज़ ज़्यादा ऊँची मत करना और देखो निमा से लड़ना नही. मैने कहा के क्या मा, मैं कोई लड़ता रहता हूँ? मा बोली के हां, देखा नही आज कितने दिनो बाद निमा आई है, तू ही लड़ता रहता था जो इसने आना बंद कर दिया. निमा बोली के नही आंटी अब हम नही लड़ते, अब बड़े हो गये हैं और आज तो मैं बिल्कुल भी नही लड़ूँगी, मुझे प्रॅक्टीस करनी है ताकि शो बहुत बढ़िया जाए. मैने भी वैसा ही कुच्छ कहा मा से और मा चली गयीं और जाते हुए दरवाज़ा भी बंद कर दिया.

मेरा बेडरूम काफ़ी बड़ा है और मेरे बेड के अलावा उसमे एक छ्होटी सेंटर टेबल, एक सेट और दो चेर्स भी रखी हैं. हम ने ये चेर्स, सेट और सेंटर टेबल एक साइड पे कर दी ताकि यही लगे की प्रॅक्टीस करने के लिए स्पेस बनाया है. मैने टेप-रेकॉर्डर ऑन किया और उसका वॉल्यूम मीडियम कर दिया ताकि अगर कोई दरवाज़े के बाहर आए तो उसे सुनाई दे पर नीचे किसी भी बेडरूम मे उसकी आवाज़ डिस्टर्ब ना करे. हमने अपनी कॉफी ख़तम की और मग्स ट्रे मे रख दिए और फिर मैने निमा की तरफ देखा और उसको पूछा की अब बताओ क्या प्रोग्राम है. उसने कहा कि जैसे तुम कहो. मैने कहा की अभी कुच्छ देर इंतेज़ार करते हैं, जैसे ही मा-पापा सो जायेंगे उसके बाद ही कुच्छ करेंगे. निमा भी मुस्कुरा के बोली कि हां ये ठीक रहेगा. फिर मैने उसे अपने पास खींच लिया और अपनी बाहों मे भर लिया. उसने भी अपनी बाहें उठाकर मेरे इर्द-गिर्द कस दीं. उसके मम्मे मेरी छाती मे गढ़ गये और मुझे गुदगुदाने लगे. मैने निमा का चेहरा अपनी तरफ घुमाया और उसे किस करने लगा. स्मूचिंग और नेक्किंग तो हम पहले भी करते रहे थे पर उसके आगे कभी नही बढ़े थे. मैने उसे कहा के अपनी अंडरशर्ट निकाल कर शर्ट वापिस पहन ले. उसने जल्दी से अपनी शर्ट उतारी और फिर अपनी अंडरशर्ट को उठाने के लिया अपने हाथ बढ़ाए.

मैने आगे बढ़कर उसकी अंडरशर्ट पकड़ा ली और कहा कि मुझे मदद करने दो. उसने अपने हाथ ऊपेर किए और मैने उसकी अंडरशर्ट उठा कर उसके सर से निकाल दी और उसकी पीठ पर अपने हाथ डाल कर उसे अपने साथ सटा लिया और उसके एक मम्मे को मुँह मे भरने की कोशिश करने लगा. हम दोनो बुरी तरह से काँपने लगे. निमा की आँखे मुन्दने लगी और उसने जल्दी से अपनी अंडरशर्ट से अपने हाथ आज़ाद किए और मुझे अपने साथ भींच लिया. मैने अलग होकर उसकी शर्ट उठाई और उसे पहनाने लगा. उसने भी बात को समझते हुए अपनी शर्ट पहन ली और बटन्स लगा लिए. फिर मैने उसे कहा की थोड़ी सी प्रॅक्टीस कर ही ले. वो अपनी मूव्मेंट्स करने लगी और मैने उसकी अंडरशर्ट उठाकर उसके बॅग मे च्छूपा दी. फिर मैने एक पेन और नोटेपद ले लिया और निमा की मूव्मेंट्स के बारे मे कुच्छ रिमार्क्स लिख सकूँ. अभी हम आधे तक भी नही पहुँचे थे कि दरवाज़ा खुला और मा ने अंदर आते हुए पूछा के कॉफी पी ली, कुच्छ और तो नही चाहिए? मैने टेप बंद कर दिया और कहा के नही मा और कुच्छ नही चाहिए और अगर चाहिए भी होगा तो मैं ले लूँगा आप चिंता नही करो.

मा ने कहा के ठीक है तुम्हारे पापा सो गये हैं और मैं भी सोने जा रही हूँ. मा ट्रे उठाकर चल दीं और जाते हुए दरवाज़ा भी बंद कर गयीं. मैने और निमा ने एक दूसरे को मुस्कुरा कर देखा और मैने टेप वापिस चला दिया. बलेट ख़तम हो गया तो मैने टेप रीवाइंड किया और दोबारा चला दिया. मैने कुच्छ रिमार्क्स सिर्फ़ दिखावे के लिए लिख दिए और निमा को भी पढ़वा दिए ताकि अगर कोई बात हो तो वो बता सके कि क्या कमी थी और कैसे उसे ठीक किया था हमने. निमा मेरी ओर देख कर मुस्कुरा दी और बोली कि राज तुम हर बात का पूरा ध्यान रखते हो. मैने कहा के ना रखूं तो पकड़े नही जायेंगे? फिर हमने थोड़ा और इंतेज़ार किया और जब लगा कि अब तो मा भी सो गयी होगी, मैने निमा को अपने पास खींच लिया और कहा कि अब नही रुका जाता.

निमा ने भी अपनी बाहें मेरे गले मे डाल दीं और बोली के वो तो बहुत देर से तैयार है. मेरे रूम मे दो हीटर लगे हुए थे. मैने उनको फुल पर कर दिया और निमा के कपड़े उतारने लगा. निमा को मैने कहा के मैं तुम्हारे कपड़े उतार रहा हूँ तुम मेरे कपड़े उतारो. कुच्छ ही देर मे हम दोनो पूरी तरह नंगे हो गये थे और एक दूसरे को देख रहे थे. मेरा लंड पूरा तना हुआ था और सर उठा कर खड़ा था. उधर निमा के मम्मे भी तने हुए सर उठा कर खड़े थे. फिर हम दोनो बढ़े और एक दूसरे की बाहों मे समा गये. मुझे तो कुच्छ पता ही नही था सेक्स का और मेरे पूच्छने पर निमा ने कहा कि वो भी बिल्कुल अंजान है. मैने कहा कि कोई बात नही मैने पॉर्न की वीडियो कॅसेट देखी थी और जैसे उसमे था वैसे ही करने की कोशिश करते हैं. निमा ने कहा कि ठीक है राज जैसे तुम बताते जाओगे मैं वैसे ही करती रहूंगी. मैं निमा को लेकर बेड पर आ गया और प्यार से उसका पूरा शरीर सहलाने लगा. वो उत्तेजित होने लगी और बोली के हाए राज बहुत अच्छा लग रहा है. मैने उसे कहा कि वो भी मुझे ऐसे ही सहलाए. उसने भी मेरे शरीर पर प्यार से हाथ फेरना शुरू कर दिया. [/color]
 
[color=rgb(41,]फिर मैने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया. उसने कहा कि ये तो बहुत गरम है. मैने कहा के हां ये भी गरम है और तुम्हारी चूत भी बहुत गरम है और जब दोनो मिलेंगे तो इन की गर्मी शांत होगी. निमा की चूत पर एक भी बाल नही था और वो एकदम सॉफ थी. उसकाफिगर था 38-25-38. बिल्कुल अवर ग्लास फिगर था और कहीं से भी मोटापा नही था. हम एक दूजे को सहलाने के साथ साथ किसिंग भी करते जा रहे थे. मेरे हाथो की आवारगी बढ़ रही थी और मैने अपना एक हाथ ले जाकर उसकी चिकनी चूत पर रख दिया. बहुत गरम थी उसकी चूत और पनिया भी गयी थी. उसकी चूत की फाँकें भी आपस मे चिपकी हुई थी, जिन्हें मैने अपनी एक उंगली से कुरेदा और उसकी चूत के सुराख पर मेरी उंगली जा लगी. यहाँ बहुत गीलापन था. मैने अपनी उंगली सुराख के अंदर करने की कोशिश की और हल्का सा दबाव डाला. मेरी उंगली थोड़ी सी निमा की चूत के अंदर घुस गयी और निमा चिहुन्क उठी. मैने पूछा कि क्या हुआ? निमा बोली कि कुच्छ नही बहुत अच्छा लग रहा है करते रहो.

मैं अपनी उंगली को उसकी चूत मे हिलाने लगा और जैसे ही मेरा अंगूठा सहारे के लिए उसकी चूत के ऊपेरी किनारे से टकराया तो निमा उच्छल पड़ी और उसके मुँह से एक सिसकारी निकली. मेरा अंगूठा उसके भज्नासे को रगड़ गया था जिसकी वजह से वो गंगना उठी थी. मैने एक बार फिर अपने अंगूठे से उसी जगह को रगड़ा तो निमा ने अपना हाथ मेरे हाथ पर रख दिया और बोली कि धीरे से करो इतना मज़ा सहा नही जाता. मैने कहा के अभी तो और भी ज़्यादा मज़ा आना है फिर क्या करोगी? निमा बोली के प्यार से धीरे धीरे करते रहो सब सह लूँगी. मैने उसको कहा कि तैयार हो जाओ और उससे पलट कर अपने ऊपेर खींच लिया. उसकी चौड़ी और गोल गांद अब मेरी आँखों के सामने थी और मैने उसकी जांघों से शुरू करके उसकी चूत पर अपनी जीभ को लगा दिया. निमा बहुत ज़ोर से काँप गयी और बोली कि ये क्या कर रहे हो? मैने कहा के वैसे ही कर रहा हूँ जैसे उस वीडियो मे देखा था. तुम भी मेरे लंड को अपने मुँह मे लेकर चूसो.

निमा ने अपना मुँह मेरे लंड पर लगा दिया और मेरे टोपे को किस करके अपनी जीभ से चाता. फिर अपना मुँह खोल कर मेरे लंड को मुँह मे भरने की कोशिश की. पूरा मुँह खोल कर उसने टोपे को अंदर ले लिया और अपने होंठ बंद करके चूसना शुरू कर दिया. मुझे इतना मज़ा आया कि मैं बता नही सकता. ये मेरा पहला मौका था कि मेरा लंड चूसा जा रहा था. मैने उसकी चूत की लकीर के दोनो तरफ अपने अंगूठे लगा कर उनको खोला ओआर अपनी जीभ उसकी लाल चूत पर लगा दी और चाटने लगा. निमा झुरजुरी लेकर काँपने लगी और उसने मेरे लंड को और ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया. थोड़ी देर की चाटम चाती के बाद पहले निमा झड़ी और उसके कुच्छ सेकेंड बाद ही मैं भी झाड़ गया.

मेरा सारा वीर्य निमा पी गयी और मैं उसकी चूत से निकला सारा पानी चाट कर गया. मेरा लंड थोड़ा सा ढीला पड़ा पर निमा के चूस्ते रहने से 5 मिनिट मे ही फिर से अकड़ने लगा और पूरी सख्ती मे आ गया. उधर निमा भी चूत के लगातार चाते जाने से उत्तेजित हो गयी और मैने उसको पूछा कि चुदाई भी करना चाहती हो क्या? निमा बोली कि हां आज मौका मिला है तो सब कुच्छ करना चाहती हूँ. मैने कहा के ठीक है और उठकर बाथरूम से एक टवल और कोल्ड क्रीम की शीशी उठा लाया. निमा को सीधा करके मैने टवल उसकी गांद के नीच लगा दिया फोल्ड करके और कोल्ड क्रीम लेकर उसकी चूत पर लगा दी और अपने लंड पर भी लगाकर उसे चिकना कर लिया. फिर उसकी टांगे खोल कर अपनी दोनो तरफ कर दीं और अपना लंड हाथ मे लेकर उसकी चूत पर रगड़ने लगा.

निमा की उत्तेजना बहुत बढ़ गयी थी और वो बोली की राज जल्दी कर दो अब रहा नही जा रहा. मैने कहा कि ये जल्दी का काम नही है आराम से ही करने दो नही तो तुम्हे बहुत दर्द होगा. पहली बार लंड को चूत मे डालने पर दर्द होता है ये तो तुम जानती हो. वो बोली के हां जानती हूँ पर देर नही करो. मैने अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ते हुए उसकी चूत के छेद पर अटकाया और हल्का सा दबाव डाला. मेरा टोपा उसकी चूत मे घुस गया और वो एक दम चौंक गयी. मैने थोड़ा रुक कर फिर दबाव डाला तो मेरा लंड उसकी चूत मे और अंदर घुसा और उसकी कुंआरी झिल्ली से जा टकराया. मैं वहीं रुक गया. मैने अपने लंड को थोड़ा सा अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. लंड तो ज़्यादा अंदर बाहर नही हो रहा था पर हल्की सी रगड़ ने निमा की उत्तेजना को बढ़ा दिया. फिर मैने लंड को अंदर करते हुए एक ज़ोर का धक्का लगाया.

लंड उसकी चूत मे उसकी सील को तोड़ता हुआ अंदर घुसता चला गया और वो ज़ोर से चीखने को हुई, पर मैने उसकी चीख को वहीं उसके मुँह पर अपना हाथ दबा कर रोक दिया. निमा की आँखे फटी रह गयीं और उनमे से आँसू गिरने लगे. मैने अपने लंड को वहीं जाम कर दिया और उसके आँसू पोंछ कर उसको पूचकार कर कहा कि बस अब हो गया है और मेरे ख्याल से अब तुम्हे दर्द नही होगा. निमा रुआंसे स्वर मे बोली कि बहुत दर्द हुआ, तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी थी. मैने कहा के निमा दर्द तो होना ही था पर अब नही होगा ना मैं बहुत प्यार से चोदुन्गा. वो चुप रही और मैने धीरे-धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. कुच्छ ही देर मे निमा को भी मज़ा आना शुरू हो गया और वो भी नीचे से हिलने लगी. मैने रफ़्तार के साथ-साथ अपने लंड को अंदर बाहर करने की लंबाई को भी बढ़ाना शुरू कर दिया.

निमा का दर्द गायब हो गया और वो अपनी गांद उठाकर मेरे लंड को अपनी चूत मे लेने लगी. मैने अपने हाथ उसके सख़्त मम्मों पर रख दिए और उन्हे दबाने लगा. निमा बोली के ज़ोर से दबाओ इन्नको. मैने उन्हे ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया और थोड़ी देर बाद ही एक मम्मे को अपने मुँह मे लेकर उसके निपल को चूसने लगा. निमा अत्यधिक उत्तेजित हो उठी और बोली के हां अपने दाँतों मे लेकर हल्का-हल्का काटो इनको बारी-बारी से और मैने वैसे ही करना शुरू कर दिया. फिर निमा ने कहा कि अब ज़ोर से घस्से मारो बहुत मज़ा आ रहा है. मैने अपनी पूरी ताक़त से घस्से लगाने शुरू कर दिए और नतीजा ये हुआ के हम दोनो इकट्ठे ही झाड़ गये. मेरे वीर्य की गरम-गरम पिचकारी नीमा की चूत मे उसकी बच्चेदानी के मुँह से जा टकराई. कुच्छ ही देर मे मेरा लंड ढीला हो गया तो मैने उसे बाहर निकाल लिया और टवल से निमा की चूत से बहते खून मिले पानी को साफ कर दिया.

अब मुझे चिंता हुई और मैने निमा को कहा कि एक ग़लती हो गयी है कि मैने उसकी चूत मे ही डिसचार्ज कर दिया है, कही कोई गड़बड़ ना हो जाए. वो बोली के फिकर ना करो मेरी कॅनडा वाली मासी ने मम्मी को आंटी-प्रेग्नेन्सी टॅब्लेट्स भेजी हैं मम्मी कभी-कभी लेती है वो गोली और मैं भी चुप चाप एक निकाल के ले लूँगी. ये कोई नयी टॅब्लेट्स आई हैं, सेक्स के बाद अगले दिन भी ले लो तो प्रेग्नेन्सी नही होती. मुझे चैन पड़ा और मैने निमा को अपने साथ चिपका लिया. फिर निमा उठकर कपड़े पहन कर दूसरे कमरे मे चली गयी.

"वाउ, तुम तो बहुत पुराने चुड़क्कड़ निकले", तनवी बोली. मैने कहा के पुराना तो हूँ ही, एक्सपीरियेन्स के कारण ही तो बढ़िया चुदाई करता हूँ. हम तीनों हंस पड़े. प्राची को मैने कहा कि तुम्हारे जाने का टाइम हो रहा है तुम तैयार हो जाओ. उसने जल्दी से अपने कपड़े पहने और जाने के लिए तैयार हो गयी. जाने से पहले उसने मुझे लीप किस किया और बोली कि लव यू तो नही पर मुझे तुम्हारी चुदाई से प्यार हो गया है. मैने कहा के अच्छी बात है मैं तुम्हे चुदाई का मज़ा देता रहूँगा पर ये ध्यान रहे की चुदाई के चक्कर मे अपनी पढ़ाई मत भूल जाना. उसने वादा किया कि उसकी फर्स्ट प्राइयारिटी पढ़ाई ही रहेगी और चली गयी.

मैने तनवी को अपनी बाहों मे भर लिया और कहा कि मैं बहुत खुश हूँ तुमसे और मुझे तुम पर नाज़ है. वो हंस दी और बोली कि राज हम दोनो एक दूजे के पूरक हैं. मैने कहा कि हां ये तो है.

फिर हमने इकट्ठे चाय पी और वो अपने रूम में चली गयी. मैं सोचने लगा कि तनवी का दखल मेरी ज़िंदगी में कितना ज़्यादा हो गया है और मैं उस पर कितना डिपेंड करने लगा हूँ.

अगले दिन मैने बहुत सोचा और आख़िर में एक फ़ैसला ले लिया. मैने तनवी से कहा कि दोपहर का खाना मेरे साथ खाए, क्योंकि मुझे कुच्छ बात करनी है. उसने कहा कि ठीक है.

दोपहर में हमने खाना इकट्ठे खाया और खाने के दौरान हमारे बीच कोई बात नही हुई. खाना खा के मैं तनवी को अपने बेडरूम में लेकर आ गया और उसको बिठाकर कहा के देखो तनवी तुम मेरा बहुत अच्छे से ख्याल रखती हो और मैं तुम्हारे ऊपेर बहुत ज़्यादा डिपेंड करने लगा गया हूँ.

तनवी ने मेरी तरफ देखा और बोली, "क्या कहना चाहते हो?"

मैने कहा, "तुम मुझे बहुत अच्छी तरह से समझ चुकी हो और मेरा मान ना है के शायद मुझ से भी अच्छी तरह तुम मुझे समझ सकती हो. और अब तो तुमने मेरे लिए वो काम किया है कि मैं सोच भी नही सकता था."

तनवी ने पूचछा, "कौनसा काम?"

मैने केवल इतना कहा, "प्राची."

वो हंस पड़ी और बोली, "वो तो मैं आगे भी करती रहूंगी हमेशा."

मैने भी उससी लहजे में बिना रुके पूछा, "अगर मैं तुमसे शादी कर लूँ तो उसके बाद भी?"

एक बार तो तनवी सन्न रह गयी और मेरी आँखों में झाँकति रही फिर उसकी आँखें गीली हो गयीं और वो रुँधे गले से बोली, "फिर तो मरते दम तक."

मैने उससे अपनी बाहों में भर लिया और कहा, "कल हम कोर्ट में शादी कर लेंगे और उसस्के बाद मंदिर में भी. और उसके लिए तुम अपने घर पर खबर कर दो ताकि वो भी आ जायें और मंदिर में हमारी शादी संपन्न करवा दें."

हमारी शादी हो गयी और सब कुच्छ वैसे ही चल रहा है बस इतना अंतर आया है कि तनवी अब नीचे मेरे साथ मेरे दिल में रहती है.

दोस्तो, यह कहानी मैं यहाँ पर इसलिए ख़तम कर रहा हूँ ताकि यह बोर ना करने लगे. काफ़ी लड़कियों का परिचय आपको दे दिया है और अब कुच्छ नयापन लाना कठिन है. आशा है कि आप मेरी बात को समझेंगे.

धन्यवाद.

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